मैं और मेरा संसार
अपूर्ण मेरी तरह
किस्म-किस्म के कायदे
तरह तरह की सीमायें
घेरों का शोर
टूटे तो तकलीफ
न टूटे तो
दम घुटता है ...
मैं और मेरा प्यार
मेरी तरह निर्लज्ज
पल -पल बिखरता
क्षण-क्षण बंधता
कह दूं तो
फिर तमाशा
छुपाऊ तो
दम तोड़ता है...!!!