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शुक्रवार, 15 सितंबर 2017

तुम और मैं

मैं सिर्फ
हाँ और ना
में गुम
और तुमने
अपने शब्दकोश
के सारे शब्द
उडेल दिये
बोलो___विचित्र
तुम या मैं

मैं तेरे तिलिस्म
में घुलती रही
और तुम
उलझे उलझे
खुद से ही
बोलो___ख्वाब में
तुम या मैं

जानती हूं
ना तुम थे
ना रहोगे
बोलो____सच्चा कौन
तुम या मैं ......!

शनिवार, 9 सितंबर 2017

@@

वो रिश्ता
जो नाम
के वश
में कैद...
तुमने
मोहब्बत
कह दिया
और मैनें
मान लिया