tag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post5448091267598446857..comments2024-02-26T02:15:18.704-08:00Comments on शब्द अनवरत...!!!: Meri pahli kavita. 02/04/2002 at Srinagar Garhwal Uttarakhandआशा बिष्टhttp://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post-14742649495424533192011-11-06T23:16:24.814-08:002011-11-06T23:16:24.814-08:00सुंदर रचना सटीक वर्णन ..के भाव को उकेरा है आपने .सुंदर रचना सटीक वर्णन ..के भाव को उकेरा है आपने .shashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post-21384913896389243042011-11-06T22:38:03.224-08:002011-11-06T22:38:03.224-08:00सटीक भाव को समेटे अच्छी रचना ..जिससे सच ही शांति म...सटीक भाव को समेटे अच्छी रचना ..जिससे सच ही शांति मिलनी है उससे ही इंसान भयभीत रहता हैसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post-41717805849781233282011-11-06T18:28:48.321-08:002011-11-06T18:28:48.321-08:00सार्थक रचना....
सादर....सार्थक रचना....<br />सादर....S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib')https://www.blogger.com/profile/10992209593666997359noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post-56398608033460772612011-11-06T18:26:09.681-08:002011-11-06T18:26:09.681-08:00Bahit sundar
Eak nek kaam ki apeksha haiअमृताजी को...Bahit sundar<br />Eak nek kaam ki apeksha haiअमृताजी को समर्पित करते हुये उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति और पंजाब सरकार के संस्कृति सचिव को मै इस संदर्भ में एक पत्र अवश्य भेज "एक पहल आप भी अवश्य करें!http://fresh-cartoons.blogspot.com/अशोक कुमार शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/00322447925425282794noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post-85501047133301441872011-10-30T01:06:15.824-07:002011-10-30T01:06:15.824-07:00वे मुर्ख ऐसे न,जैसे तुम
वे ज्ञानी ऐसे,जैसे न तुम
क...वे मुर्ख ऐसे न,जैसे तुम<br />वे ज्ञानी ऐसे,जैसे न तुम<br />करें सब कुछ समझ कर<br />जांचकर,और कुछ परखकर..<br /><br />ये प्रण कर लो मन में<br />चल पड़े हम जिस ओर <br />न कोई बाधक बने<br />न जाने,न समझे...<br /><br />विश्वास कठिनाई से हुआ की ये आपकी प्रथम रचना है.....स्वागत....अभिनन्दन....एक बहुत ही परिपक्व ह्रदय की गहराइयों से निकली रचना....योगेश वैष्णव "योगी"https://www.blogger.com/profile/04777331558238424797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post-21935397868716539502011-10-23T23:43:01.297-07:002011-10-23T23:43:01.297-07:00बहुत बढ़िया ...बहुत बढ़िया ...Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post-29495869767430882772011-10-23T09:29:10.458-07:002011-10-23T09:29:10.458-07:00आशा जी, यह कविता पढी नहीं जा रही है, शायद दोबारा ट...आशा जी, यह कविता पढी नहीं जा रही है, शायद दोबारा टाइप करना पड़े।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4039803278329406185.post-25967597580906849032011-10-09T00:47:22.107-07:002011-10-09T00:47:22.107-07:00आपने मेरे आग्रह को स्वीकार कर हिंदी में लिखने का प...आपने मेरे आग्रह को स्वीकार कर हिंदी में लिखने का प्रयास किया, धन्यवाद. महत्वपूर्ण विचारों को प्रस्तुत करने का सराहनीय प्रयास है आपका. आग्रह है कि 'मनुष्य' की वर्तनी सुधार लें. शुभकामनाएं.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.com