कोई तो
सुझा दो
जिंदगी
के
चार रंग
जो दो
उसके हों
दो
मेरे.....!
शब्द ने शब्द जोड़े.. शब्द से शब्द बिखरे.. शब्द -शब्द ने ढूंढें अक्षर.. शब्द- शब्द फिर, शब्दश: खामोश हुए..!
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शनिवार, 17 दिसंबर 2016
शुक्रवार, 9 दिसंबर 2016
बात
उफान ,तिलिस्म,
जिद ,अहम
सब अनवरत
फिर
धुआ ....!
मौन , बातें
हंसी ,आँसू
सब मुझसा
फिर
खत्म....!!
सांसे,सन्नाटा
शोर, खामोशी
सब तुझसा
फिर
दर्द ....!!!!
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