शब्द ने शब्द जोड़े.. शब्द से शब्द बिखरे.. शब्द -शब्द ने ढूंढें अक्षर.. शब्द- शब्द फिर, शब्दश: खामोश हुए..!
हाँ...सुन लिया था पर प्रत्युतर मेरा मौन
शिकायतें लाज़मी थी पर तर्पण मेरा मौन
सन्नाटो को टूटना ही था पर अभिव्यक्ति मेरी मौन
मुखौटे सारे रंग लिए पर आवरण मेरा मौन ...!
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11-02-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2249 पर दिया जाएगा धन्यवाद
मौन !!!
सब कुछ मौन ....
मार्मिक तथा संवेदनाओं से ओत-प्रोत रचना
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11-02-2016 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2249 पर दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
मौन !!!
जवाब देंहटाएंसब कुछ मौन ....
हटाएंमार्मिक तथा संवेदनाओं से ओत-प्रोत रचना
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