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बुधवार, 18 दिसंबर 2019

अंतिम

वो अंतिम होता क्या  है?
वेदनाएं निरंतर हैं
हर्ष निरंतर है
चाह स्थिरता की 
निरंतर है 

जिस अंतिम का 
वो प्रहार है 
आखिर वो अंतिम 
है क्या ???

प्रथम पहर में 
तुम नहीं थे 
मध्यम में भी 
तुम नहीं थे 

अब उस अंतिम में
तुम्हारा होना
व्यर्थ है ....!!!
@ Asha bisht

बुधवार, 20 मार्च 2019

Layout

पीछे मुड़कर देखूं जरा तो
जिन्दगी का भी layout
सा कुछ दिखता है

लगता है इस कोने का
उस कोने रख दिया
निकाल शोर से
सन्नाटे में छुपा लिया

ओह्ह ___देखो वहां पर जरा
चटक लाल रंग रह गया

Hmm,____ पीला मुरझाया -सा
(निश्चित थी कि सूखा न था)
पत्ता...!!
हां वही ,__
उसे भी सहेज लिया

पर वो "रिश्ते"
वाला हिस्सा
संवर रहा है अभी भी
बस जरा जरा सा .....!!!
(Asha Bisht )

गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

प्रीत

मेरी
प्रीत को
छूने
की
कोशिश
ना
करना....
वो तो
देखने
भर
से
मैला
हो
जाता
है ....,

शनिवार, 9 फ़रवरी 2019