शब्द ने शब्द जोड़े.. शब्द से शब्द बिखरे.. शब्द -शब्द ने ढूंढें अक्षर.. शब्द- शब्द फिर, शब्दश: खामोश हुए..!
मेरी प्रीत को छूने की कोशिश ना करना.... वो तो देखने भर से मैला हो जाता है ....,
बेहतरीन..सादर..
आशा बिष्ट जी सूंदर पंक्तियाँ बहुत दिनो के बाद आपको लिखते देखकर खुशी हुई।तहेदिल से शुक्रिया आपकी प्रतिक्रिया सदैव संबल प्रदान करती हैं ।
बेहतरीन..
जवाब देंहटाएंसादर..
आशा बिष्ट जी सूंदर पंक्तियाँ बहुत दिनो के बाद आपको लिखते देखकर खुशी हुई।
जवाब देंहटाएंतहेदिल से शुक्रिया आपकी प्रतिक्रिया सदैव संबल प्रदान करती हैं ।