निश्छल है
अविरल है
अनवरत है ये
तुम्हारे लिए.
खामोश है
स्पंदन लिए
बह जाता
धार लिए
सम्मलित है इन शब्दों में
तुम्हारे लिए..
साक्षात्कार है ये
मेरा, मेरे मन से
मौन है ये
सुन कर तुम्हें
दर-ब-दर बढ़ता जाता
तुम्हारे लिए..
पारितोष है मेरा
निशब्द मुस्कराहट तुम्हारी
जाने- अनजाने तैर आती है जो
सिर्फ मेरे लिए...!!
अविरल है
अनवरत है ये
तुम्हारे लिए.
खामोश है
स्पंदन लिए
बह जाता
धार लिए
सम्मलित है इन शब्दों में
तुम्हारे लिए..
साक्षात्कार है ये
मेरा, मेरे मन से
मौन है ये
सुन कर तुम्हें
दर-ब-दर बढ़ता जाता
तुम्हारे लिए..
पारितोष है मेरा
निशब्द मुस्कराहट तुम्हारी
जाने- अनजाने तैर आती है जो
सिर्फ मेरे लिए...!!
प्रेम की इतनी सुन्दर अभिव्यकति.......
जवाब देंहटाएंकमाल है.........
पारितोष है मेरा
जवाब देंहटाएंनिशब्द मुस्कराहट तुम्हारी
जाने- अनजाने तैर आती है जो
सिर्फ मेरे लिए...!!waah
गहरी अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
खूबसूरत!!
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना, आभार
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लॉग पर भी पधार कर अनुगृहीत करें.
वाह ...बहुत बढि़या।
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर....
जवाब देंहटाएंपारितोष है मेरा
जवाब देंहटाएंनिशब्द मुस्कराहट तुम्हारी
जाने- अनजाने तैर आती है जो
सिर्फ मेरे लिए...!!
अक्सर ऐसा ही होता है
सुंदर रचना !
आभार !!
मेरी नई रचना ( अनमने से ख़याल )
गहरी सोच खुबसूरत अभिव्यक्ति। ...
जवाब देंहटाएंपारितोष है मेरा
जवाब देंहटाएंनिशब्द मुस्कराहट तुम्हारी
जाने- अनजाने तैर आती है जो
सिर्फ मेरे लिए...!!
बहुत उम्दा ,रचना है आपकी .शुभकामनाये
बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति। शुभकामनाये|
जवाब देंहटाएंसमर्पण में छिपा परितोष, बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंमाँ नन्दा के यात्रा पथ पर आप साहित्य की अलख जलाये हुए हैं, इस साधना और उत्कृष्ट रचनाओं के लिए साधुवाद.
जवाब देंहटाएंसमर्पण बाव की सुंदर रचना,....बहुत अच्छी
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट--"काव्यान्जलि"--"बेटी और पेड़"--में click करे.
निश्छल है
जवाब देंहटाएंअविरल है
अनवरत है ये
तुम्हारे लिए.
निश्छल प्रेम की यह अभिव्यक्ति बहुत प्यारी लगी.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए आभार.
आनेवाले नववर्ष के लिए बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँ.
मेरे ब्लॉग पर आईयेगा,आशा जी.
आपका पोस्ट बहुत ही अच्छा लगा । हमेशा आते रहूँगा । मेरे नए पोस्ट "उपेंद्र नाथ अश्क" पर आपका बेसब्री से इंतजार करता रहूँगा ।.धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही खुबसूरत.... प्रेम सिर्फ निश्छल प्रेम....
जवाब देंहटाएंअंतिम भाग इस प्रेम को जीवन्तता और क्रियाशीलता प्रदान करता है.मुझे भी ये पंक्तियाँ कुछ ज्यादा ही पसंद आईं.
जवाब देंहटाएंसुन्दर मनोहर .
जवाब देंहटाएंनववर्ष की अनंत शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
जवाब देंहटाएंबहोत अच्छा लगा आपका ब्लॉग पढकर ।
जवाब देंहटाएंनया हिंदी ब्लॉग
हिन्दी दुनिया ब्लॉग
निश्छल है
जवाब देंहटाएंअविरल है
अनवरत है ये
तुम्हारे लिए.
बहुत ही खुबसूरत..नया साल मुबारक हो !