कितना मुश्किल है अपने अंतर्द्वंद से लड़ना ..! ..सच अंतर्द्वंद से लड़ना आसां नहीं.. मनोभावों का सुन्दर चित्रण.. आपको एवं आपके परिवार को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
बहुत ही भावमय करते शब्दों का संगम कल 04/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, 2011 बीता नहीं है ... !
kitna mushkil hai apne antardwand se ladna...sach kaha hai.bahut sundar ehsaas.happy new year.
जवाब देंहटाएंभीतर उठा गुबार
जवाब देंहटाएंथम चुका अब
जीत चुकी मैं
पर
कितना मुश्किल है
अपने अंतर्द्वंद से लड़ना ..!
बिल्कुल सही कहा…………भावनाओ का सुन्दर चित्रण्।
कितना मुश्किल है
जवाब देंहटाएंफिर से ख्वाब सजाना..
Bahut sundar...
कितना मुश्किल है
जवाब देंहटाएंअपने अंतर्द्वंद से लड़ना ..!बिल्कुल... बहुत मुश्किल है
अंतर्द्वंद्व से लड़ना हमेशा ही मुश्किल होता है ... सुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें
कितना मुश्किल है
जवाब देंहटाएंअपने अंतर्द्वंद से लड़ना ..
बिलकुल सही कहा।
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सादर
बहुत मुश्किल है अंतर्द्वंद से लड़ना
जवाब देंहटाएंनव वर्ष पर सार्थक रचना
आप को भी सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
शुभकामनओं के साथ
संजय भास्कर
उद्वेलित करती एक दिलकश कविता. ..... आभार !!
जवाब देंहटाएंआशा जी कमाल लिखती हैं आप
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना !
आभार !
नए साल की हार्दिक बधाई आपको !
सुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंगहरी अभिव्यक्ति।
नव वर्ष की शुभकामनाएं.....
man mein gahre utar gai rachna, shubhkaamnaayen.
जवाब देंहटाएंकितना मुश्किल है
जवाब देंहटाएंअपने अंतर्द्वंद से लड़ना ..!
..सच अंतर्द्वंद से लड़ना आसां नहीं..
मनोभावों का सुन्दर चित्रण..
आपको एवं आपके परिवार को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
बहुत ही भावमय करते शब्दों का संगम
जवाब देंहटाएंकल 04/01/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है, 2011 बीता नहीं है ... !
धन्यवाद!
मनोभावों का सुन्दर चित्रण|धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना -आभार ..
जवाब देंहटाएंमन के भावों का सुंदर चित्रण ...
जवाब देंहटाएंसबसे मुश्किल होता है खुद से लड़ना
जवाब देंहटाएंअंतद्वंद से लडना बड़ा मुश्किल कार्य,...सुंदर चित्रण
जवाब देंहटाएं"काव्यान्जलि":
नही सुरक्षित है अस्मत, घरके अंदर हो या बाहर
अब फ़रियाद करे किससे,अपनों को भक्षक पाकर,
पर वाकई मुशील है .. नव वर्ष की शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंदुब्या से लड़ना आसान है खुद से बहुत मुश्किल ... अंतर्द्वंद को बाखूबी लिखा है ...
जवाब देंहटाएंकितना मुश्किल है
जवाब देंहटाएंअपने अंतर्द्वंद से लड़ना ..!
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति...
ब्लॉग से जुड़ने के लिए शुक्रिया|
स्नेह बनाए रखिएगा, आभार!
बहुत अच्छी रचना,
जवाब देंहटाएंWELCOME to new post--जिन्दगीं--
उत्कृष्ट रचना .
जवाब देंहटाएंपर
जवाब देंहटाएंकितना मुश्किल है
फिर से ख्वाब सजाना..
behatareen abhivyakti ...badhai.
बहुत बढ़िया अभिव्यक्ति.
जवाब देंहटाएंअंतर मन के द्वंद्व का दृष्टा ही विजेता होता है.
शुभ कामनाएं.
बहुत सुन्दर रचना!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना...
जवाब देंहटाएंखुद से खुद की लड़ाई....
सचमुच जटिल है..
बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसभी मित्रो को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
http://garhwalikavita.blogspot.com/
वाकई अंतर्द्वंद से लड़ना सहज नहीं.
जवाब देंहटाएं"कुछ अनकही सुनूँ
जवाब देंहटाएंकह डालूं सब कुछ
बिखेर दूं
लम्हा-लम्हा"
पर
कितना मुश्किल है
फिर से ख्वाब सजाना..
सच..... भावपूर्ण अभिव्यक्ति
vikram7: हाय, टिप्पणी व्यथा बन गई ....
मुश्किल है ख्वाब सजाना..बहुत सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंantarman se dwand kabhee samaapt nahee hotaa
जवाब देंहटाएंek jeet ke baad dosraa dwandy saamne khadaa hotaa