दोषी कौन ???
सावन है तो रूमानियत भरा ...पर इस बार ये रूमानियत कब दर्द में बदल गयी इसकी खबर ही नहीं लगी ..
कुछ तस्वीरें साझा करना चाहती हूँ ..
क्या ये अनियमित बांध ???
. बस रह गए ये जाते पदचिन्ह ...
ये सभी चित्र उत्तराखंड के चमोली एवं उत्तरकाशी जिले की हैं जो इस बार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं।..
सावन है तो रूमानियत भरा ...पर इस बार ये रूमानियत कब दर्द में बदल गयी इसकी खबर ही नहीं लगी ..
कुछ तस्वीरें साझा करना चाहती हूँ ..
क्या ये अनियमित बांध ???
मन तो डूबा ही डूबा मन को बंधने वाले केंद्र भी डूबे(धारी मंदिर )।..Add caption |
उफनती नदी गहराता ह्रदय ...Add caption |
या फिर अनियंत्रित निर्माण ?Add caption |
आखिर दोष किसका? Add caption |
ये सभी चित्र उत्तराखंड के चमोली एवं उत्तरकाशी जिले की हैं जो इस बार प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए हैं।..
सच बहुत दुख हुआ सुन कर लेकिन चित्र देख कर और भी.
जवाब देंहटाएंप्रकृति के साथ खिलवाड़ ,जंगलातों का विनाश, जब टूटें हैं नित पर्यावरण और पारितंत्र तब होता है ये विनाश .विनाश काले विपरीत बुद्धि कल्पना करो जब इस इलाके में भू -कम्प आये तब क्या हो ?जल की तात्विकता ,ज़मीन की तात्विकता ,उर्वरा शक्ति जब क्षीण होगी कौन रोके बांधेगा मिट्टी को जब वन माफिया घूमेगा छुट्टा ,नौचेगा पेड़ों से लीसा .तब प्रकृति करगी अट्टहास ,शिव का होगा विलास .कृपया यहाँ भी पधारे -
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शनिवार, 25 अगस्त 2012
काइरोप्रेक्टिक में भी है समाधान साइटिका का ,दर्दे -ए -टांग का
तस्वीरें हजार सच बोलती हैं....शब्दों की जरुरत नहीं होती....अंधाधुंध विकास कि कीमत तो हम सभी चुकाएंगे ही..कोई आज तो कोई कल..पर चुकाएंगे जरुर..अगर अब भी न चेते तो फिर प्रकृति छोड़ेगी नहीं..चैक बैलेंस तो वो करेगी ही
जवाब देंहटाएंतस्वीरों ने सब कुछ कह दिया ... इस बर्बादी के लिए कौन जिम्मेवार है इसके लिए गहराई में सोचने की भी जरूरत है ... ...
जवाब देंहटाएंप्रकृति अपना संतुलन स्वयं करती है ॥ मानव ही बाधा डालते हैं
जवाब देंहटाएंprakriti mein apna dimaag laganewale ... tasweeron ne bahut kuch kah diya
जवाब देंहटाएंतस्वीरें सच बोलती हैं
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