मेरे घर की दीवारें
बदरंग न हो कभी
बदला है रंग इनका
मेरे सुर के साथ ..
खामोश हैं मुझसे ज्यादा
कभी बोल जाती हैं
ना पूछो फिर भी ...
प्रतिबिम्ब मेरा प्रतिमान मेरा
प्रतिरूप मेरा है...
मेरे घर की दीवारें ...!!!
बदरंग न हो कभी
बदला है रंग इनका
मेरे सुर के साथ ..
खामोश हैं मुझसे ज्यादा
कभी बोल जाती हैं
ना पूछो फिर भी ...
प्रतिबिम्ब मेरा प्रतिमान मेरा
प्रतिरूप मेरा है...
मेरे घर की दीवारें ...!!!
वाह: बहुत सुन्दर...शुभकामनाएं आशा..
जवाब देंहटाएंपूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम और आप सब की ओर से अमर शहीद खुदीराम बोस जी को शत शत नमन करते हुये आज की ब्लॉग बुलेटिन लगाई है जिस मे शामिल है आपकी यह पोस्ट भी ... और धोती पहनने लगे नौजवान - ब्लॉग बुलेटिन , पाठक आपकी पोस्टों तक पहुंचें और आप उनकी पोस्टों तक, यही उद्देश्य है हमारा, उम्मीद है आपको निराशा नहीं होगी, टिप्पणी पर क्लिक करें और देखें … धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर अहसासों की अभिव्यक्ति,,,,वाह ,,,,
जवाब देंहटाएंRECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....
waah bahut khub
जवाब देंहटाएंप्रतिबिम्ब मेरा प्रतिमान मेरा
जवाब देंहटाएंप्रतिरूप मेरा है...
मेरे घर की दीवारें ...!!!
दीवारें बोलतीं हैं मेरे घर की ,सुनतीं हैं तेरे घर की ....अच्छा रूपक है मेरे घर की दीवारें चुप रहतीं हैं ....कृपया यहाँ भी तवज्जो दें -
शनिवार, 11 अगस्त 2012
कंधों , बाजू और हाथों की तकलीफों के लिए भी है का -इरो -प्रेक्टिक
very good!!
जवाब देंहटाएंहां इन दीवारों ने थाम रखी है घर की छत भी....मेरी तरह.
जवाब देंहटाएंअनु
बेहतरीन
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत सुन्दर भाव संजोये है
जवाब देंहटाएंकोमल भाव युक्त रचना...
:-) :-)
sundar
जवाब देंहटाएंहमारी ही तरह हमारे घर को सहेजती दीवारें..... गहन अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंप्रतिबिम्ब मेरा प्रतिमान मेरा
जवाब देंहटाएंप्रतिरूप मेरा है...
मेरे घर की दीवारें ...!!!
waah..Awesome !
.
जहाँ प्रेम आस्था और अपना सब कुछ लगा होता है वो बदरंग नहीं होती कभी ... भीने एहसास ...
जवाब देंहटाएंवाह! बहुत सुन्दर.
जवाब देंहटाएंशानदार भावाभिव्यक्ति.
समय मिलने पर मेरे ब्लॉग पर आईएगा,आशा जी.
बहुत सुन्दर.....बहुत दिनों बाद आई आपकी कोई पोस्ट.....जज़्बात पर भी आयें।
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर भाव पूर्ण प्रस्तुति ...शुभ कामनाएं आशा जी
जवाब देंहटाएंबहुत भावपूर्ण.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना के लिए आपको बधाई
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