शब्द ने शब्द जोड़े.. शब्द से शब्द बिखरे.. शब्द -शब्द ने ढूंढें अक्षर.. शब्द- शब्द फिर, शब्दश: खामोश हुए..!
स्याह सफेद कागज़ मेरे ना जान सके थमने की वजहें..... तेरी थाह मुझसे कह गयी ना मि ला अब तक तुझसा अजनबी...!
नवरात्रि की शुभकामनायें आदरणीया-सुन्दर प्रस्तुति पर बधाई
मिल के भी न मिला........अच्छी रचना..अनु
बहुत सुन्दर नवरात्री पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ :-)
बहुत सुंदर प्रस्तुति.!नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनायें-RECENT POST : पाँच दोहे,
कल 07/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर धन्यवाद!
धन्यवाद यशवंत जी
सुन्दर रचना आशा जी
सुंदर रचना
भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
कभी मभी मिलके भी अनजान रह जाते हैं ... भावपूर्ण गहरी अभिव्यक्ति ..
विजयादशमी की अनंत शुभकामनाएंबहुत सुंदरउत्कृष्ट प्रस्तुतिबधाईआग्रह है- मेरे ब्लॉग में भी समल्लित हों पीड़ाओं का आग्रह---http://jyoti-khare.blogspot.in
नवरात्रि की शुभकामनायें आदरणीया-
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति पर बधाई
मिल के भी न मिला........
जवाब देंहटाएंअच्छी रचना..
अनु
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंनवरात्री पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ :-)
बहुत सुंदर प्रस्तुति.!
जवाब देंहटाएंनवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनायें-
RECENT POST : पाँच दोहे,
कल 07/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
धन्यवाद यशवंत जी
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना आशा जी
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंभावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....
जवाब देंहटाएंकभी मभी मिलके भी अनजान रह जाते हैं ...
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण गहरी अभिव्यक्ति ..
विजयादशमी की अनंत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
उत्कृष्ट प्रस्तुति
बधाई
आग्रह है- मेरे ब्लॉग में भी समल्लित हों
पीड़ाओं का आग्रह---
http://jyoti-khare.blogspot.in