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शनिवार, 5 अक्तूबर 2013

शब्द

स्याह
सफेद
कागज़
मेरे
ना
जान
सके
थमने की वजहें.....
तेरी थाह
मुझसे कह
गयी
ना
मि ला
अब तक
तुझसा
अजनबी...!

11 टिप्‍पणियां:

  1. नवरात्रि की शुभकामनायें आदरणीया-
    सुन्दर प्रस्तुति पर बधाई

    जवाब देंहटाएं
  2. मिल के भी न मिला........
    अच्छी रचना..

    अनु

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सुन्दर
    नवरात्री पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ :-)

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति.!
    नवरात्रि की बहुत बहुत शुभकामनायें-

    RECENT POST : पाँच दोहे,

    जवाब देंहटाएं
  5. कल 07/10/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
    धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  6. भावो को खुबसूरत शब्द दिए है अपने.....

    जवाब देंहटाएं
  7. कभी मभी मिलके भी अनजान रह जाते हैं ...
    भावपूर्ण गहरी अभिव्यक्ति ..

    जवाब देंहटाएं
  8. विजयादशमी की अनंत शुभकामनाएं
    बहुत सुंदर
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    बधाई

    आग्रह है- मेरे ब्लॉग में भी समल्लित हों
    पीड़ाओं का आग्रह---
    http://jyoti-khare.blogspot.in


    जवाब देंहटाएं