मृत्यु की छाया निकट है
मोह की माया विकट है
मोह त्याग स्वीकार कर लो
मनुष्य जिसे कहता है मृत्यु ..
अथक चाल भरकर तुम
अडिग वेग लेकर तुम
ले चलो उस और
मनुष्य जिधर जाने से डरता..
आत्मा की चीत्कार सुन
स्वार्थ का ताना न बुन
तोड़ दे अवरोध सारे
बने है जो तुम्हें सोचकर...
निज तन, निज धन के लिए
निज ज्ञान,अपमान के लिए
न विलम्ब कर क्षण भर का
सोच कर उनका क्या होगा...
वे मुर्ख ऐसे न,जैसे तुम
वे ज्ञानी ऐसे,जैसे न तुम
करें सब कुछ समझ कर
जांचकर,और कुछ परखकर..
ये प्रण कर लो मन में
चल पड़े हम जिस ओर
न कोई बाधक बने
न जाने,न समझे...
वो ही है एक शांतिदायक
मनुष्य जिसे कहता है मृत्यु.....!!!!!
मोह की माया विकट है
मोह त्याग स्वीकार कर लो
मनुष्य जिसे कहता है मृत्यु ..
अथक चाल भरकर तुम
अडिग वेग लेकर तुम
ले चलो उस और
मनुष्य जिधर जाने से डरता..
आत्मा की चीत्कार सुन
स्वार्थ का ताना न बुन
तोड़ दे अवरोध सारे
बने है जो तुम्हें सोचकर...
निज तन, निज धन के लिए
निज ज्ञान,अपमान के लिए
न विलम्ब कर क्षण भर का
सोच कर उनका क्या होगा...
वे मुर्ख ऐसे न,जैसे तुम
वे ज्ञानी ऐसे,जैसे न तुम
करें सब कुछ समझ कर
जांचकर,और कुछ परखकर..
ये प्रण कर लो मन में
चल पड़े हम जिस ओर
न कोई बाधक बने
न जाने,न समझे...
वो ही है एक शांतिदायक
मनुष्य जिसे कहता है मृत्यु.....!!!!!
आपने मेरे आग्रह को स्वीकार कर हिंदी में लिखने का प्रयास किया, धन्यवाद. महत्वपूर्ण विचारों को प्रस्तुत करने का सराहनीय प्रयास है आपका. आग्रह है कि 'मनुष्य' की वर्तनी सुधार लें. शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंआशा जी, यह कविता पढी नहीं जा रही है, शायद दोबारा टाइप करना पड़े।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ...
जवाब देंहटाएंवे मुर्ख ऐसे न,जैसे तुम
जवाब देंहटाएंवे ज्ञानी ऐसे,जैसे न तुम
करें सब कुछ समझ कर
जांचकर,और कुछ परखकर..
ये प्रण कर लो मन में
चल पड़े हम जिस ओर
न कोई बाधक बने
न जाने,न समझे...
विश्वास कठिनाई से हुआ की ये आपकी प्रथम रचना है.....स्वागत....अभिनन्दन....एक बहुत ही परिपक्व ह्रदय की गहराइयों से निकली रचना....
Bahit sundar
जवाब देंहटाएंEak nek kaam ki apeksha haiअमृताजी को समर्पित करते हुये उनकी सांस्कृतिक विरासत को बचाये रखने के लिये कोई अभियान अवश्य चलायें। पहली पहल करते हुये भारत के राष्ट्रपति और पंजाब सरकार के संस्कृति सचिव को मै इस संदर्भ में एक पत्र अवश्य भेज "एक पहल आप भी अवश्य करें!http://fresh-cartoons.blogspot.com/
सार्थक रचना....
जवाब देंहटाएंसादर....
सटीक भाव को समेटे अच्छी रचना ..जिससे सच ही शांति मिलनी है उससे ही इंसान भयभीत रहता है
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना सटीक वर्णन ..के भाव को उकेरा है आपने .
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