मन बैचेन है कभी कभी कविताओं से भटक जाता है....विषम पर्वतीय परिस्थितिया जीना सीखा देती है
उनमें से कुछ प्रेरणा स्रोत ये भी हैं...
पंखुड़ियों में रंग
साधारण ही सही
पर सीखा ही देते हैं
निष्ठुर परिस्थितियों
में सृजन ....
उनमें से कुछ प्रेरणा स्रोत ये भी हैं...
(ब्रह्मकमल) |
साधारण ही सही
पर सीखा ही देते हैं
निष्ठुर परिस्थितियों
में सृजन ....
(बुरांश) |
रंग तुम्हारा
जीने की सीख देता है
समर्पण सम्पूर्णता से
भले ही...
संसार हो सुनसान,निर्जन ..
(बुरांश और फ्यूंली) |
पहाड़ी लोककथाएं
अपूर्ण हैं तुमसे
तुम्हारे त्याग बलिदान को
शत-शत नमन....
{{{ब्रह्मकमल ऊचाई पर पायी जानी वाली वनस्पति है...और जब बुरांश जंगलों में खिलाता है है तो ऐसा प्रतीत
होता है की प्रकृति संवाद कर रही हो......फ्यूंली बसंतागमन का संकेत .......}}}
behatariin kavita kam shabto baht kuchh
जवाब देंहटाएंपंखुड़ियों में रंग
जवाब देंहटाएंसाधारण ही सही
पर सीखा ही देते हैं
निष्ठुर परिस्थितियों
में सृजन ....
और बनाना अपनी पहचान !
ये खिले हुए फूल हमारे प्रेरणास्रोत बन जाते हैं...सही कहा आपने.
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,...
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
sacchi bat hai ye fool hmare liye prerna strot hai...
जवाब देंहटाएंचित्र शब्दों क बयाँ कर रहे है.... या शब्द चित्र को बयाँ कर रहे है.... पर जो भी दिल के सारे एहसास उकेर कर शब्दों में आ गए है......
जवाब देंहटाएंसारगर्भित रचना ,बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर रचना.......
जवाब देंहटाएंप्रकृति के रंग सारे उतर आये आपके चंद लफ़्ज़ों में...
बढ़िया!!!!
अनु
बहुत सुंदर रचना.......
जवाब देंहटाएंप्रकृति के रंग सारे उतर आये आपके चंद लफ़्ज़ों में...
बढ़िया!!!!
अनु
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति,बेहतरीन रचना,...
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: कवि,...
इन दुर्लभ फूलों के माध्यम से प्रकृति के आनन्दमय सौंदर्य का अनोखा रूप दिखाया आपने !
जवाब देंहटाएंखुबसूरत फूल और उनसे जुडी जानकारी व कविता ।
जवाब देंहटाएंrachna sundar hai par usse khoobsurat hai in foolon ki tasveeren.... Mera pahaad, tumhara pahaad humara pahaad....aseem sundarata samete hai khud me!
जवाब देंहटाएंरंग तुम्हारा
जवाब देंहटाएंजीने की सीख देता है
समर्पण सम्पूर्णता से
भले ही...
संसार हो सुनसान,निर्जन ..
अनुपम भाव संयोजन इन पंक्तियों में ।
वाह ………सुन्दर भाव संयोजन्।
जवाब देंहटाएंसच है इस प्राकृति में ... जीवन में ऐसा बहुत कुछ है जो बदल देता है परिस्थितियों कों ... सुन्दर शब्द ...
जवाब देंहटाएंहर पंक्ति बहुत सुन्दर भाव समेटे है .... ..आभार एवं शुभ कामनायें !
जवाब देंहटाएंवाह आशाजी ...कम शब्दों में गहरे भाव उकेर दिए ...बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंगहरे भाव सुन्दर संयोजन्।.
जवाब देंहटाएंआभार एवं शुभ कामनायें !
रंग तुम्हारा
जवाब देंहटाएंजीने की सीख देता है
समर्पण सम्पूर्णता से
भले ही...
संसार हो सुनसान,निर्जन
gahan bhavo se paripoorn prabhavshali rachana ....badhai ke sath hi aamantran bhi
कल 27/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
prakrati hi jeevan hai uske rangon me hi sukhdukh ki chhaya.
जवाब देंहटाएंbahut gahan abhivyakti.bahut sundar.
बहुत मनभावन झलकियों के साथ सुन्दर सार्थक रचना
जवाब देंहटाएंआजकल तो बुरांश के फूलों की छटा देखती ही बनती हैं ..
मन को भातीं सुंदर क्षणिकाएं
जवाब देंहटाएंधन्यवाद आपने मेरे ब्लॉग पर आकर मेरा मनोबल बढ़ाया |
जवाब देंहटाएंसारगर्भित रचना । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
जवाब देंहटाएंhttp://bulletinofblog.blogspot.in/2012/04/5.html#comments
जवाब देंहटाएंपुष्पों के माध्यम से सहज जीवन दर्शन, वाह !!!!!!!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रकृति के सारे रंग समेटे बहुत सुन्दर रचना....
जवाब देंहटाएंप्रकृति का सन्देश और तरीके दोनों ही अनूठे है. फूले के माध्यम से कही गयी सुंदर रचना.
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