शब्द ने शब्द जोड़े.. शब्द से शब्द बिखरे.. शब्द -शब्द ने ढूंढें अक्षर.. शब्द- शब्द फिर, शब्दश: खामोश हुए..!
यह तलाश जल्द ही पूरी हो .... सुंदर अभिव्यक्ति
वाह ... अनुपम भाव लिये उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
जो पाया सब अपने भीतर पाया....बहुत सुन्दर....अनु
तेरे होने से ठहराव है मुझमे पर इश्क है कहाँ ...?खोजती हूँ ... बहुत सुंदर भाव ......इसी खोज से उपजती है इतनी सुंदर कविता .....
तेरे होने से ठहराव है मुझमे पर इश्क है कहाँ ..खोजती हूँ ... वाह बहुत सुंदर भाव,,,recent post...: अपने साये में जीने दो.
अति सुन्दर..
तेरे होने से ठहराव है मुझमे पर इश्क है कहाँ ...?खोजती हूँ ... बहुत ही सुन्दर ।
भावपूर्ण अभिव्यक्ति .....
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.......
शायद बहुत से लोग इसी खोज में होंगे..... :)बहुत खूबसूरती से बयान किया है आपने इस अनोखी खोज को...~सादर !!!
खूबसूरत भावपूर्ण रचना अरुन शर्मा - www.arunsblog.in
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति बधाई ......
खोजती हूँ ..इन तहों में ख़ामोशी क्यूँ इतनी मैं तो सिर्फ मेरे होने को खोजती हूँ ..दो दरवाजों के पीछे हंसा क्यूँ मन इतना भीड़ में गूंज है कहाँ ...?खोजती हूँ ...तेरे होने से ठहराव है मुझमे पर इश्क है कहाँ ...?खोजती हूँ ... बहुत सुन्दर रचना है .
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति..:-)
सुन्दर !
"तेरे होने से ठहराव है मुझमे पर इश्क है कहाँ ...?खोजती हूँ ... "
वाह कमाल का लिखा है आपने। आपकी लेखनी की कायल तो पहले से ही थी मगर बीच के दिनों में सिलसिला टूट सा गया था। एक बार फिर जुड़कर अच्छा लग रहा है। लाजवाब
यह तलाश जल्द ही पूरी हो .... सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंवाह ... अनुपम भाव लिये उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंजो पाया सब अपने भीतर पाया....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर....
अनु
तेरे होने से
जवाब देंहटाएंठहराव है मुझमे
पर इश्क है कहाँ ...?
खोजती हूँ ...
बहुत सुंदर भाव ......
इसी खोज से उपजती है इतनी सुंदर कविता .....
तेरे होने से
जवाब देंहटाएंठहराव है मुझमे
पर इश्क है कहाँ ..
खोजती हूँ ... वाह बहुत सुंदर भाव,,,
recent post...: अपने साये में जीने दो.
अति सुन्दर..
जवाब देंहटाएंतेरे होने से
जवाब देंहटाएंठहराव है मुझमे
पर इश्क है कहाँ ...?
खोजती हूँ ...
बहुत ही सुन्दर ।
भावपूर्ण अभिव्यक्ति .....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर प्रस्तुति.......
जवाब देंहटाएंशायद बहुत से लोग इसी खोज में होंगे..... :)
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरती से बयान किया है आपने इस अनोखी खोज को...
~सादर !!!
खूबसूरत भावपूर्ण रचना
जवाब देंहटाएंअरुन शर्मा - www.arunsblog.in
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति बधाई ......
जवाब देंहटाएंखोजती हूँ ..
जवाब देंहटाएंइन तहों में
ख़ामोशी क्यूँ इतनी
मैं तो सिर्फ
मेरे होने को खोजती हूँ ..
दो दरवाजों के पीछे
हंसा क्यूँ मन इतना
भीड़ में गूंज है कहाँ ...?
खोजती हूँ ...
तेरे होने से
ठहराव है मुझमे
पर इश्क है कहाँ ...?
खोजती हूँ ...
बहुत सुन्दर रचना है .
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति..
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सुन्दर !
जवाब देंहटाएं"तेरे होने से
जवाब देंहटाएंठहराव है मुझमे
पर इश्क है कहाँ ...?
खोजती हूँ ... "
वाह कमाल का लिखा है आपने। आपकी लेखनी की कायल तो पहले से ही थी मगर बीच के दिनों में सिलसिला टूट सा गया था। एक बार फिर जुड़कर अच्छा लग रहा है। लाजवाब
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